Sri Laxminarayana Naam Sankirtan in Hindi
श्रीलक्ष्मीनारायण नाम संकीर्तन
श्रीमन्नारायण नारायण नारायण नारायण ।टेक।
लक्ष्मीनारायण नारायण नारायण नारायण
बद्रीनारायण नारायण नारायण नारायण
मुक्तिनारायण नारायण नारायण नारायण
सत्यनारायण नारायण नारायण नारायण
गोदानारायण नारायण नारायण नारायण
वेंकटनारायण नारायण नारायण नारायण
श्रीविष्णुपुराण भागवत गीता (स्वमी), वाल्मीकिजीकी रामायण । श्री…
चारिहूँ वेद पुराण अष्टादश, वेदव्यासजी की पारायण । श्री..
शिवसनकादिक अरु ब्रह्मादिक,सुमिर सुमिर भए पारायण । श्री..
श्यामल गात पीताम्बर सोहे, विप्र चरण उर धारायण । श्री..
नारायण के चरणकमल पर, कोटिकाम छविवाराण । श्री…
शंख चक्र गदा पद्म विराजै, गलकौस्तुभमणि धारायण। श्री..
खम्ब फाड हिरणाकुश मार्यो, भक्त प्रह्लाद उबारायण। श्री…
कश्यप ऋषि से वामन होके, दण्डकमण्डलु धारायण। श्री…
बलि से याच तीन पद पृथ्वी, रूप त्रिविक्रम धारायण। श्री..
गज और ग्राह लडे जल भीतर,लडत लडत गज हारायण। श्री…
जौ भर सूँड रह्यो जल बाहिर,तब हरिनाम उच्चारायण । श्री…
गज की टेर सुनी रघुनन्दन, आप पधारे हरि नारायण । श्री…
जल डूबत गजराज उबारे, चक्र सुदर्शन धारायण । श्री..
सरयू के तीरे अयोध्या नगरी, श्रीरामचन्द्र अवतारायण । श्री..
किरीट मुकुट मकराकृतकुण्डल, अद्भुत शोभा छवि धारायण। श्री..
सरयू नीरे तीरे तुरंग नचावे, धनुषवाण कर धारायण । श्री..
कोमल गात पीताम्बर सोहे, उर वैजयन्ती धारायण । श्री.
बक्सर जाय तडका मारे,मनिके यज्ञ किये पारायण । श्री..
स्पर्शत शीला भई सुन्दर,वैठ विमान भई पारायण । श्री..
जाय जनकपुर धनुष उठायो, राजाजनक प्रण सारायण। श्री..
जनक स्वयम्बर पावन कीन्ही, वरमाला हरिधारायण । श्री..
सीता व्याह राम घर आवे, घर घर मंगलचारायण। श्री…
माता पिता की आज्ञा पाई, चित्रकुट पगधारायण । श्री..
दण्डकवन प्रभु पावन कीन्हो,ऋषि मुनि त्रास मिटारायण। श्री..
सागर उपर शीला तराई, कपिदल पार उतारायण । श्री..
रावण के दशमस्तक छेदे, राज विभीषण पारायण । श्री..
रामरूप होय रावण मार्यो, भक्त विभीषण तारायण । श्री.
यमुनाके नीरे तीरे मथुरानगरी,श्रीकृष्णचन्द्र अवतारायण । श्री..
मथुरा में हरि जन्म लियो है, गोकुल में पग धारायण। श्री.
बालपन्मे हरि पूतना मारी, जननी की गति पारायण । श्री.
बालपन्मे हरि मटिया खाई, तीनलोक दर्शारायण । श्री.
माता यशोदा ओखलमे बाँधे, यमलार्जुन तारायण । श्री.
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कानन कुण्डल धारायण । श्री.
यमुना के नीरे तीरे धेनु चरावे, मुखपर मुरली धारायण । श्री.
पैर पाताल कालियनाग नाच्यो, फणफण निरत करारायण । श्री.
वृन्दावन में रास रच्यो है, सहस्र गोपी एक नारायण । श्री…
इन्द्र कोप कियो व्रज उपर, वरसरत मुसल धारायण । श्री…
डुबत व्रज राख लियो है, नखवर गिरिवर धारायण। श्री…
माता पिता की बन्दी छुडाई, मामा कंसको उध्धारायण । श्री.
कृष्णरूप होय कंस पछाड्यो, उग्रसेन कुल तारायण । श्री..
उग्रसेनको राज तिलक दियो, द्वार बेत कर धारायण । श्री.
द्रुपद सुताको चीर बढायो, दुष्ट दुशासन हारायण । श्री.
दुर्योधन की मेवा त्यागो, साग विदुर घर पारायण । श्री.
शबरीके बेर सुदामा के तण्डुल, रुचिरुचि भोग लगारायण । श्री.
अजामिल सुत हेतु पुकारे, नाम लेत अघतारायण। श्री.
अजामेल गज गणिका तारी, ऐसे पतित उबारायण । श्री.
जो नारायण नाम लेत है, पाप होत सब पारायण । श्री.
जो कोई भक्ति करै माधव की,माता पिता कुल तारायण । श्री.
कूर्म होय ब्रह्मा वर दीन्हो, श्रीरंरूको धारायण । श्री…
माधवदास आश रघुवर की भवसागर भये पारायण । श्री.
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